Lirik Lagu Hitarth, Siddharth Amit Bhavsar & Abhijit Vaghani Ramji Gulati, Amjad Nadeem Aamir, Arjuna Harjai, Bharat
अँधेरे में जो होगा सुबह उसको भुला दो
बत्तियाँ बुझा दो (बत्तियाँ बुझा दो)
थोड़ी सी पिला दो (थोड़ी सी पिला दो)
अँधेरे में जो होगा (अँधेरे में जो होगा)
सुबह उसको भुला दो (सुबह उसको भुला दो)
आँखों से धीरे-धीरे करें शुरुआत हम
फिर इन लबों पे जगा लें जज़्बात हम
आँखों से धीरे-धीरे करें शुरुआत हम
फिर इन लबों पे जगा लें जज़्बात हम
दूरियों से कह दो कि पास ना आएँ
एक-दूसरे में गुज़ारें सारी रात हम
(गुज़ारें सारी रात हम)
बत्तियाँ बुझा दो (बत्तियाँ बुझा दो), थोड़ी सी पिला दो
अँधेरे में जो होगा सुबह उसको भुला दो
बत्तियाँ बुझा दो (बत्तियाँ बुझा दो)
थोड़ी सी पिला दो (थोड़ी सी पिला दो)
अँधेरे में जो होगा (अँधेरे में जो होगा)
सुबह उसको भुला दो (सुबह उसको भुला दो)
जितना नशा भरा है मेरी अंगड़ाई में
आजा, बरसाऊँ तुझपे आज तनहाई में
बाहें कहती हैं बाहों से लिपट के
"लम्हें बिता लूँ ख़यालों की रजाई में"
बत्तियाँ बुझा दो, थोड़ी सी पिला दो
अँधेरे में जो होगा (अँधेरे में जो होगा)
सुबह उसको भुला दो (सुबह उसको भुला दो)
बत्तियाँ बुझा दो (बत्तियाँ बुझा दो)
थोड़ी सी पिला दो (थोड़ी सी पिला दो)
अँधेरे में जो होगा (अँधेरे में जो होगा)
सुबह उसको भुला दो (सुबह उसको भुला दो)
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